कैसे बना ताज महल ( Taj Mahal )


ताज महल ( Taj Mahal ) भारत का सबसे मशूर इस्मरक है ताज महल को शाहजहाँ ( Shahjahan ) ने अपनी बेगम मुम्ताज़ ( Mumtaj ) की याद मे बनवाया था ! ताज महल को बनाने मै बीस साल लगे थे जिसमे 20,000 मजदूर शामिल थे अगर ताज महल ( Taj Mahal ) आज के दौर मे बना होता तो इसकी लागत 20 करोड़ डोलर से भी ज़्यादा आती ताज महल की सबसे बड़ी विशेता है इसका पत्थर ताज महल की ऊँचाई , चौड़ाई और गहराई बराबर है ताज महल की उँचाई 73m है जो क़ुतुब मीनार ( Qutub Minar ) की उँचाई से भी ज़ादा है


आज ताज महल ( Taj Mahal ) की जो तस्वीर सब देखते हैं बहुत से लोग नही जानते के वो ताज का पिछला हिस्सा देख रहे हैं मुगल काल मे नदी ही मुख्या रास्ता थी शहजहाँ ( Shahjahan ) और उन्के शाही मेहमान तट पर बने चबूतरे से आते थे जिसे बढ़ती नदी ने बहुत पहले ही नष्ट कर दिया

ताज महल


शाहजहाँ ( Shahjahan ) का ख्वाब पुरा करने के लिए नदी का किनारा बहोत एहम जगह थी पर नदी के किनारे कुछ भी बनाना असान नही था सरकती और रेतीली ज़मीन पर नीव खड़ी करना बहोत ही मुश्किल काम था नीव को 15 से 20 ft गहरा खोदना पडा था यानी लगभग 2 मंज़िल गहरा


दुनिया की सबसे मशूर इमारत होने के नाते ताज महल ( Taj Mahal ) की बहोत सी कहानियाँ मशूर है जिसमे से एक है काला ताज ( Black Taj Mahal ) जिसे शाहजहाँ ( Shahjahan ) काले संगमरमर से ताज के सामने नदी की दुसरी तरफ (उत्तरी किनारा) पर बनाना चाहते थे कुछ लोगो का मानना है की काले ताज को बनाने से पहले ही शाहजहाँ ( Shahjahan ) के बेटे ने शाहजहाँ ( Shahjahan ) का तख्ता पलट कर दिया पर Archeologist को खुदाई करने पर भी काले ताज ( Black Taj Mahal ) के कोई सबूत नही मिले Archeologist का मानना है के ये बस एक अफवा है जाँच के बाद पता चला के शाहजहाँ ( Shahjahan ) काला ताज नही बल्कि कुछ और बनाना चाहते थे जो मेहताब बाघ ( Moonlight Garden ) था साथ की एक अफवाह ये भी है के शाहजहाँ ( Shahjahan ) ने ताज महल ( Taj Mahal ) बनाने वालो के हाथ काट दिये थे पर ये भी सच नही है

ताज महल


ताज महल को देखने से लगता है ताज महल संगमरमर के ठोस ब्लॉक से बना है पर ऐसा नही है ताज महल को सादी ईट से बनाया गया है और फिर संगमरमर ताज महल ( Taj Mahal ) पर लगाया गया है


आज ताज महल ( Taj Mahal ) फ़ीका पढ़ गया है कहिं कुछ टूटा है तो कहिं कुछ गायब है ये साल भर लाखो टूरिस्ट ( Tourist ) की चहल-पहल और Polution का असर है कभी कभी ताज महल को देखने के लिए एक ही दिन मे तीस हज़ार से भी ज़ादा लोग आते हैं