अगर किसी बात पर ज़्यादा देर तक बात होती है तो वो जल्द ही बहस बन जाती है। कभी कभी कोई कोई बहस इतनी बड़ी हो जाती है के उससे रिश्ते प्रभावित हो जाते हैं कुछ आसान से तरीको से बहस को रोका जा सकता है

Argument


बचपन मे गम, खुशी, जलन की भावना होती है। जो ज्यादा समय तक नही रहती। मूड बदलना भी बहुत ज़रूरी होता है लेकिन उम्र बढ़ने के साथ अगर यह भावनाएं ऐसे ही रहे तो आपके लिए नुकसानदेह हो सकती है आप किसी भी व्यक्ति को खुशी से प्यार नही कर पाते हैं ज़िन्दगी मे चिड़चिड़ापन, गुस्सा होना भी बहोत ही ज़रूरी है इससे रिश्ता मज़बूद रहता है और प्यार बना रहता है पर चिड़चिड़ापन और गुस्से की वजह से व्यक्ति के बीच बहस होने लगती है बहस को ज़्यादा नही बढ़ाना चाहिए बहस को सही समय पर रोक देना देना चाहिए नही तो रिश्तों पर असर पड़ सकता है तो हम आपको बताते हैं अगर कोई बहस कर तो क्या करना चाहिए।

बहस का टॉपिक छोड़ कर किसी और टॉपिक पर बातचीत करें।


किसी बात को लेकर अगर आपकी किसी से बार-बार बहस हो रही है तो बेहतर है कि आप उस बात को बदल दें। ताकि सामने वाला गुस्सा भी ना हो और बात भी खत्म हो जाए। इससे दोनों व्यक्तियों का मूड भी ठीक हो जाएगा और कोई नई बात भी हो जाएगी।

बहस छोड़ कर बातचीत शुरू करें।


जब आपको लगे कि आपकी बात बहस में बदलने लगी है तो आप जिससे बात कर रहे हैं उससे बातचीत करके उसे शांत करना चाहिए। दिमाग को शांत करने के बाद ही कुछ बात करें। इससे बहस आगे नहीं बढ़ पाएगी।

जिनती छोटी हो सके बहस को करके खत्म करें


अगर आप किसी टॉपिक को लेकर बहस कर रहे हैं तो जिसे ज्यादा देर तक बढ़ने ना दें। थोड़े समय बाद ही इस बात को शांत कर दें। उसके बाद कॉफी पीकर अपने आप को शांत कर लें।

चर्चा करें


आपको लग रहा है कि किसी बात पर आपकी किसी व्यक्ति से बहस हो सकती हैं तो इसके लिए बेहतर है कि आप इस चीज को लेकर एक-दूसरे से बात करें। ऐसा करने से परेशानी को बहस में बदलने से पहले ही रोका जा सकता है।

बहस छोड़ कर बातचीत शुरू करें।


जब आपको लगे कि आपकी बात बहस में बदलने लगी है तो आप जिससे बात कर रहे हैं उससे बातचीत करके उसे शांत करना चाहिए। दिमाग को शांत करने के बाद ही कुछ बात करें। इससे बहस आगे नहीं बढ़ पाएगी।

अपने सामने वाले कि बात को सुने


किसी बात पर बहस ज्यादा बढ़ती जा रही है तो आप कुछ बोलने की बजाय आपको उसे चुपचाप सुनना चाहिए। इससे सामने वाला अपनी बात भी कह लेगा और आपको अपनी बात कहने का मौका भी मिल जाएगा। अगर आप बहस करते रहते हैं तो वह बात बढ़ती जाती है इसलिए एक-एक करके बात करें या पहले एक व्यक्ति की बात सुन लें फिर ही बोलें।