इंडिया गेट, क़ुतुब मीनार, लाल किला, जैसी चर्चित जगहों पर तो सब जाते है, लेकिन दिल्ली में ऐसी भी कुछ जगहें हैं, जहां दिल्ली में सालों से रहने वाले लोग भी नहीं होंगे, हो सकता है कुछ का नाम भी न सुना हो.

दिल्ली के इन 11 एतिहासिक जगहों के बारे जानना अभी बाकी है, इनको पूरी तरह फ़ेमस करना अभी बाकी है.

1. जमली-कमली मस्जिद (Jamali Kamali Mosque)




जमली-कमली नाम की तुकबंदी की अलग कहानी है. एक नामी सूफ़ी संत हुआ करते थे, शेख कमली कम्बोह. उनकी दोस्ती थी कमली नाम के एक बंदे से. दोनों की मौत के बाद उन्हें एक-दूसरे का आस-पास ही दफ़नाया गया था, जिस वजह से इस जगह का नाम ऐसा है.

स्थान- महरौली

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- क़ुतुब मीनार

2. दिल्ली वॉर समेंटरी (Delhi War Cemetery)




देश के लिए शहीद होने से बड़ी कुर्बानी क्या हो सकती है. शहिदों की शहादत को सम्मान देने के लिए 1951 में War Cemetery बनाई गयई थी. यहां भारतीय जवानों के साथ साथ ब्रिटिश और डच जवानों को भी दफ़नाया गया है.

स्थान- Delhi Cantonment, New Delhi

समय- सोमवार से शुक्रवार, सुबह 9 से शाम 5 बजे तक

नज़दीकी मेट्रो- धौला कुआं

3. असोला की भारद्वाज लेक (Bhardwaj Lake)




Delhi Wildlife Department ही इस लेक के कर्ता-धर्ता हैं. ये फ़रीदाबाद के मध्य में स्थित है. यहां पर नहाना, कपड़े धोना जैसी चीज़ें पूरी तरह प्रतिबंधित हैं. चूंकी यह एक सुनसान इलाके में है इसलिए बहुत कम लोग जाते हैं और जाने वाले से ये गुज़ारिश होती है कि वो यहां दिन की रोशनी में जा कर वापस आ जाए.

स्थान-  असोला वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी  (Asola Wild Life Sanctuary)

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- बदरपुर


4. जहाज़ महल किला ( Jahaaz Mahal Fort)




15 और 16 शताब्दी के बीच में बना महल अपने नज़र के धोखे के लिए जाना जाता है. महल में बनने वाली परछाई से एक आकार तैयार होता है, जो देखने में जहाज़ जैसा लगता है. इस महल का नाम जहाज़ महल इसी वजह से पड़ा है.

स्थान- महरौली

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- क़ुतुब मीनार

अगली बार जब दिल्ली दर्शन का प्लान बने, तो इन जगहों पर जाना न भूलना.

5. हिजड़ों का खानकाह (Hizdo ka Khankah)




ये एक पुराना कब्रगाह है, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है. इसे लोधी वंश के दौरान बनाया गया था. यहां ख़ास कर हिजड़ों को दफ़नाया जाता था. वर्तमान में इसकी देख-रेख भी हिजड़े ही करते हैं.

स्थान- पानी टंकी रोड, महरौलीमेट्रो स्टेशन- क़ुतुब मीनार

6. संजय वन (Sanjay wan)




शहर के मध्य में मौजूद, 780 एकड़ में फैला जंगल. लोगों ने नाम भी सुना है और घूमने भी जाते हैं. लेकिन इतनी बड़ी जगह को पर्याप्त मात्र में नहीं घूमा गया. शायद इसके पीछे मशहूर भूतों की कहानियां वजह रहीं हो. हालांकि स्थानिय लोग इस जगह का जम कर लाभ उठाते हैं. आपको सुबह-शाम कसरत करते या टहलते दिख जाएंगे.

स्थान- वसंत कुंज

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- छतरपुर



7. भूली भटियारी का महल (Bhuli Bhatiyari Mahal)




भूली भटियारी स्थानीय पार्क में मौजूद इस महल को फिरोज़ शाह तुगलक़ का साम्राज्य में 14 वीं शताब्दी में बनाया गया था. इसकी डरावनी कहानियां पूरी दिल्ली में घूमती हैं. कमज़ोर दिल वाले लोग यहां जाने से डरते हैं.

स्थान- झंडेवालान

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- झंडेवालान

8. मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली (Mirza Galib ki Haveli)




महान उर्दू और पारसी शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में बनाया गया ये संग्राहलय भारत सरकार द्वारा संचालित होता है. दरअसल ये हवेली मिर्ज़ा ग़ालिब की हवेली हुआ करती थी. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के कई साल इस महल में बिताए हैं. यहां पर उनकी कई रचनाएं संग्रहित हैं.

स्थान- शाहजहांबाद

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- चावड़ी बाज़ार



9. अधम ख़ान टूम्ब (Adham Khan Tomb)




मुग़ल सम्राज्य की छाप पूरी दिल्ली पर देखने को मिलती है. इस मक़बरे को अक़बर के मशहूर सेनापती अधम ख़ान की याद में बनवाया गया था. इसके देखभाल का काम भारतीय पुरातत्व सर्वे विभाग को दिया गया है.


स्थान- महरौली

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- क़ुतुब मीनार

10. बेग़मपुर मस्जिद ( Begampur Mosque)


Begampur Mosque


दिल्ली में तुग़लक सम्राज्य द्वारा बनाई गई सबसे मशहूर इमरातों में से एक है बेग़मपुर मस्जिद. जब इस मस्जिद को बनाया जा रहा था, तब साथ ही साथ एक पूरे गांव को भी बसाया गया था. इसका इतिहास 12वीं शताब्दी से शुरू होता है.

स्थान- मालवीय नगर

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- हौज़ ख़ास


11. सतपुला सेतु ( Satpula Setu )




जैसा कि नाम से साफ़ है, इसका मतलब 'सात पुल' है. खिड़की मस्जिद के पास मौजूद सतपुला सेतु का ऐतिहासिक महत्व है. सुल्तान मुहम्मद शाह तुगलक़ के ज़माने में ये एक बांध के साथ-साथ सुरक्षा के लिए दीवार का काम भी करता था.

स्थान- खिड़की विलेज, मालवीय नगर

नज़दीकी मेट्रो स्टेशन- मालवीय नगर